हमारे देश के किसानों की मदद करने का सपना लेकर चला एक और स्टार्टअप BharatAgri आज दम तोड़ गया है। Entrackr को मिली जानकारी के मुताबिक, एग्रीटेक स्टार्टअप BharatAgri ने अपने ऑपरेशन बंद कर दिए हैं। कोकि कंपनी नए फंडिंग राउंड को सिक्योर नहीं कर पाई और लगातार बढ़ते नुकसान से उबर नहीं पा रही थी ।

एक अनाम सूत्र के हवाले से खबर आई है कि, टीम के ज्यादातर लोगों को नौकरी छोड़कर जाना पड़ा है, और पिछले कुछ हफ्तों से ऑपरेशन धीरे-धीरे बंद हो रहे थे। कंपनी कई महीनों से नई पूंजी जुटाने के लिए संघर्ष कर रही थी, और प्रबंधन के पास ऑपरेशन को धीरे-धीरे कम करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा था।
शुरुआत थी शानदार, मगर.
सिद्धार्थ डायलानी और साई गोले ने 2017 में BharatAgri की शुरुआत की थी। यह कंपनी छोटे और मझोले किसानों को AI टेक्नोलॉजी से चलने वाली सलाह और कृषि-इनपुट (जैसे बीज, खाद) ई-कॉमर्स की सुविधा देती थी। शुरुआती दौर में कंपनी को काफी सफलता मिली और 10 लाख से भी ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर्स जुड़े। लेकिन, इतने बड़े यूजर बेस के बावजूद कंपनी मुनाफा नहीं कमा पा रही थी ।
कंपनी के FY24 के आंकड़े इस संघर्ष की कहानी कहते हैं। ऑपरेटिंग राजस्व यानि (operating revenue) 5.37 करोड़ रुपये पर सिमट गया, जो पिछले साल (5.65 करोड़) से भी कम था। वहीं, नुकसान बढ़कर 22.04 करोड़ रुपये हो गया, जो FY23 में 17.89 करोड़ रुपये था। कर्मचारियों की सैलरी और मार्केटिंग पर हुए खर्च ने कंपनी का बजट बिगाड़ दिया, जिससे कुल खर्च 27 करोड़ रुपये के आसपास पहुंच गया।
नहीं जुट पाई नई फंडिंग
BharatAgri ने सितंबर 2021 में लगभग 6.5 मिलियन डॉलर और अक्टूबर 2023 में Arkam Ventures से 6 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई थी। मगर, कृषि क्षेत्र में निवेश धीमा पड़ने की वजह से कंपनी अपना अगला फंडिंग राउंड बंद नहीं कर पाई।
एक दूसरे सूत्र ने कंपनी की मुश्किलों का राज खोला, “BharatAgri की ग्रोथ पिछले एक साल में स्लो हो गई थी। कस्टमर हासिल करने की ऊंची लागत और कम दोहराए जाने वाले ऑर्डर (low repeat orders) ने बिजनेस को चलाए रखना मुश्किल बना दिया था। यानी, नए किसानों को जोड़ने में इतना पैसा खर्च हो रहा था कि वे लगातार अपनी सेवाओं का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे, जिससे आमदनी स्थिर नहीं हो पा रही थी।
सिर्फ BharatAgri की ही नहीं, पूरे सेक्टर की मुसीबत
BharatAgri का यह बंद होना कोई अलग-थलग मामला नहीं है। यह भारत के एग्रीटेक सेक्टर की मुश्किलों को दिखाता है। आंकड़े बताते हैं कि 2022 में इस सेक्टर में 802 मिलियन डॉलर का निवेश हुआ था, जो 2023 में गिरकर 178 मिलियन डॉलर (78% गिरावट) रह गया और 2025 की पहली छमाही में तो सिर्फ 96 मिलियन डॉलर ही निवेश हुआ।
BharatAgri से पहले भी Fraazo, Otipy, Deep Rooted और ReshaMandi जैसे कई स्टार्टअप, अच्छी-खासी फंडिंग जुटाने के बावजूद, अपना व्यवसाय बंद कर चुके हैं।
BharatAgri की कहानी स्टार्टअप्स के लिए एक बड़ा सबक है। यह दिखाती है कि सिर्फ यूजर बढ़ाना और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना ही काफी नहीं है। एक टिकाऊ बिजनेस मॉडल बनाना बेहद जरूरी है, जो लगातार मुनाफा कमा सके। निवेशक अब सिर्फ ग्रोथ के आंकड़ों से आकर्षित नहीं होते, बल्कि वे उन बिजनेस मॉडल्स की तरफ देख रहे हैं जो वास्तव में लाभ कमा रहे हैं, खासकर एग्री-सप्लाई चेन और B2B इनपुट डिस्ट्रीब्यूशन के क्षेत्र में।
किसानों की मदद करने का जज्बा और नेक इरादा तारीफ के काबिल है, लेकिन बाजार की सख्त हकीकत के सामने, बिना मुनाफे के, कोई भी सपना ज्यादा देर तक नहीं टिक पाता। BharatAgri की विरासत यही याद दिलाएगी कि भारत के किसानों की सेवा का रास्ता टेक्नोलॉजी और टिकाऊ व्यवसायिकता, दोनों के पुल से होकर गुजरता है।



